Friday, 17 March 2017

आँखों पर चर्बी सआदत हसन मन्टो saadat hasan manto

“हमारी क़ौम के लोग भी कैसे हैं…….

पचास सुवर इतनी मुश्किलों के बाद तलाश करके

इस मस्जिद में काटे हैं। वहां मंदिरों में

धड़ाधड़ गाय का गोश्त बिक रहा है।

लेकिन यहां सुवर का मास ख़रीदने के लिए

कोई आता ही नहीं”। 

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